1. कुण्डलिनी जागरण-‘दिव्य गुप्त विज्ञान’ के माध्यम से अपनी कुण्डलिनी को जागृत करें, देखें, जानें । सचित्र वर्णन ।
2. शिवनेत्र-आपको भी तीसरा नेत्र है । उस नेत्र के खुलते ही इस जगत और उस जगत का सारा पर्दा हट जाता है ।
3. लोक-परलोक- यह लोक जितना सत्य है उतना ही परलोक भी सत्य है । अपने पितरों से मिलें।
4. रहस्यमय लोक-सूक्ष्म जगत के रहस्यों का आखों देखा वर्णन । आप भी उन लोकों की यात्रा कर सकते हैं ।
5. बुद्धों का पथ-साधना के मार्ग पर चलकर कैसे आप बुद्धत्व को प्राप्त कर सकते हैं । भारतीय मनीषियों ने इसे कैसे प्राप्त किया इसका वर्णन है ।
6. मेरे राम-मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने उत्तर से दक्षिण की यात्रा की तथा परिवार समाज एवं राष्ट्र का आध्यात्मिक गठन किया ।
7. स्वर से समाधि-अपने स्वर (श्वास) के माध्यम से ही समाधि को उपलब्ध हो सकते हैं तथा इस जगत में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं ।
8. शिवतंत्र-विज्ञान भैरव पर आधारित शिवत्व को प्राप्त करने की कला ।
9. एक ओंकार-गुरु नानकदेव के जपुजी साहब की पौढ़ी एक ध्यान की तकनीक है जिससे आप चलते फिरते भी ध्यान को उपलब्ध हो सकते हैं ।
10. हनुमान चालीसा भाष्य-एक गुरु भक्त की महिमा के गुणगान ।
12. ज्ञान गुदरी भाष्य-जानिए कैसे आप इस शरीर रुपी गुदरी के माध्यम से ब्रह्म ज्ञान को प्राप्त हो सकते हैं ।
13. गीता-ज्ञान मंदाकिनी- विषाद, कर्म, भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, संन्यास और मोक्ष के वास्तविक अर्थ से जुड़ें और अपना उद्धार करें । जानिए कैसे ।
14. Path of Enlightenment–‘बुद्धों का पथ’ का अंग्रेजी रूपांतरण ।
15. Awakening of Kundalini- ‘कुण्डलिनी जागरण’ का अंग्रेजी रूपांतरण ।
16. Swara to Samadhi- ‘स्वर से समाधि’ का अंग्रेजी रूपांतरण ।
17.यंत्र मंत्र रहस्य-अचूक मंत्रों से अपने असाध्य उद्देश्यों को भी साध्य बना सकते हैं ।
18. कहै कबीर कुछ उद्यम कीजै-समय के सद्गुरु द्वारा प्रदत्त तकनीक से ध्यान द्वारा निष्काम कर्म को उपलब्घ होना ।
19. गुरु ही मुक्तिदाता-हम स्वयं तप करके ब्रह्मा, विष्णु, महेश बन सकते हैं । इस सृष्टि के सृजनकर्ता, पालनकर्ता, नियंत्रण कर्ता बन सकते हैं परंतु मुक्त नहीं हो सकते । मुक्ति केवल गुरुकृपा से ही सम्भव है ।
20. उमा कहउँ मैं अनुभव अपना-जाति-स्मरण (पुनर्जन्म) तथा अतीन्द्रिय दर्शन की विधि एवं अनुभव का वर्णन।
21. सद्गुरु टाईम्स-मासिक आध्यात्मिक पत्रिका है । इसमें स्वामी श्री के आशीर्वचन उनके कार्यक्रम तथा आश्रम संबंधी गतिविधियों की जानकारी अन्य स्थायी स्तंभों के साथ दी जाती है ।
22. दिव्य गुप्त विज्ञान-इस विधि से एक दिन में आपके अंदर शक्तिपात के द्वारा सिद्धता उतारी जा सकती है । सांसारिक कार्यों में सफल होते हुए भी समाधि में उतर सकते हैं ।