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बुद्धि-कौशल साधना

प्रयोग

  • स्मरण शक्ति एवं एकाग्र शक्ति को बढ़ने हेतु
  • परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने हेतु
  • शोध/अनुसन्धान में सफलता प्राप्त करने हेतु.
  • व्यवसाय एवं नौकरी प्राप्त करने हेतु
  • ध्यान-साधना में उतरने की सरलतम विधि
  • विचारक्षमता को बढ़ने एवं मन के भटकाव को रोकने हेतु

बुद्धि कौशल विद्या साधना ध्यान की एक सरलतम विधि है जिस से विद्यार्थी अपने ज्ञान अर्जन के लक्ष्यों को सहज ही प्राप्त कर लेते हैं ।

विद्या-अध्धयन एवं परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में सबसे बड़ा बाधक विद्यार्थी के मन का भटकाव है जिस के कारण वह अपनी इन्द्रियों एवं चिंतन शक्ति को केन्द्रीभूत करने में असमर्थ महसूस करता है ।

‘बुद्धि कौशल साधना’ ध्यान की एक अचूक तकनीक है जिसके प्रयोग से शिष्य के मनोभाव स्थिर होने लगते हैं । इसकी विधि में आचार्य/प्रचारक विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति और एकाग्र शक्ति को बढ़ाने के लिए शक्तिपात करते हैं और उनके सहस्त्रार, आज्ञा चक्र और ह्रदय चक्र पर दिव्यास्त्र आरोपित कर सील कर देते हैं ।

इस साधना में विद्यार्थियों को ‘त्राटक’ की विधि भी सिखाई जाती हैं जिससे परिणाम स्वरुप आज्ञा चक्र सक्रीय हो जाता हैं  और संगृहीत किया हुआ ज्ञान सफलता पूर्वक स्मरण में लाया जा सकता है ।

(सर्वेक्षण) में पाया गया है की जो विद्यार्थी परीक्षा में ३०-४५% अंक लाते थे,  इस साधना का छह महीना निरंतर अभ्यास से अपनी परीक्षाओं में ७०-८०% अंक उत्तीर्ण किये हैं ।  बुद्धि कौशल साधना का प्रयोग  व्यवसाय-नौकरी में सफलता प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है ।