Home स्वामी जी का उद्देश्य

स्वामी जी का उद्देश्य

आज की तथाकथित प्रगतिशील एवं विकासशील जीवनशैली मानसिक तनाव एवं अवसाद से अभिशप्त है । अपने असंतोष, आर्थिक एवं मानसिक कष्टों को भुलाने के लिए मानव मन विभिन्न प्रकार से अपने आप को भुलाने का उपक्रम रहा है एवं भोग-विलास में कीमती समय गवा रहा है । जन-साधारण की निराशा व्यभिचारी शक्ति संपन्न शासकों की आमदनी का स्रोत बनी हुई है। सामाजिक व्यवस्था इन्हीं सुखवादी, स्वार्थी एवं अनाचारी शक्ति-संपन्न शासकों के हाथों में ध्वस्त होती नज़र आ रही है ।

ऐसी स्थिति में, जब जन-समुदाय असहाय प्रतीत हो रहा हो, सद्गुरु स्वामी कृष्णानंद जी महाराज जैसे विलक्षण क्रन्तिकारी ऋषि अत्याचार के विरोध में खड़े होने के लिए जनता में प्राण फूंकने की कोशिश करते हैं । वे बिना स्वार्थ के, आत्म-पद में स्थित होकर समाज के नव-निर्माण को प्रबाध गति प्रदान करते हैं।

स्वामी जी धर्म युक्त जीवन जीने की कला को जन-साधारण तक पहुँचाने में प्रयास-रत है । इसीलिए उन्होंने प्रत्येक सद्विप्र के लिए ‘आत्म-मोक्ष हेतु साधना’ और जगत-हित हेतु कार्य के दो प्रमुख उद्देश्य दिए हैं । इन उद्देश्यों को अपने जीवन में उतारकर प्रत्येक सद्विप्र ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना को फैला कर, सद्विप्र समाज सेवा की वैश्विक स्थापना में अपना योगदान दे रहा है ।